जापान ने पहली बार अपनी जमीन पर किया मिसाइल टेस्ट, चीन की अक्ल ठिकाने लगाने का रास्ता कर रहा तैयार, क्रूज मिसाइल भी प्लान में शामिल

Surface To Ship Missile Test
टोक्यो: Surface To Ship Missile Test: भू-राजनीतिक तनाव के बीच जापान ने 80 साल में पहली बार अपने क्षेत्र में मिसाइल का परीक्षण किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, चीन और रूस के खतरे को देखते हुए जापानी सेना अपने सैन्य ढांचे को मजबूत कर रहा है. जापान ने पिछले मिसाइल परीक्षण अमेरिका (एक संधि सहयोगी) और ऑस्ट्रेलिया की भागीदारी में किए थे.
न्यूज एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, जापान ने 24 जून को अपने सबसे उत्तरी मुख्य द्वीप होक्काइडो पर शिजुनाई एंटी-एयर फायरिंग रेंज में टाइप 88 सतह से जहाज पर मार करने वाली और कम दूरी की मिसाइल का परीक्षण किया. ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स की पहली आर्टिलरी ब्रिगेड ने द्वीप के दक्षिणी तट से लगभग 40 किलोमीटर (24 मील) दूर बिना चालक दल वाली नाव को निशाना बनाने के लिए एक प्रशिक्षण मिसाइल का इस्तेमाल किया.
जापानी सेना ने कहा कि मिसाइल परीक्षण सफल रहा और जापान की योजना रविवार तक एक और परीक्षण करने की है.
जापान का पहला घरेलू मिसाइल परीक्षण, क्षेत्रीय समुद्र में चीन की बढ़ती आक्रामक नौसैनिक गतिविधि को रोकने के लिए अधिक आत्मनिर्भर सैन्य क्षमता की ओर बढ़ने तथा जवाबी हमला करने की क्षमता हासिल करने का प्रयास माना जा रहा है.
जापान, चीन और रूस के बीच जापानी तटों के आसपास बढ़ते संयुक्त सैन्य अभ्यासों से भी चिंतित है. जापान और रूस (जो होक्काइडो का उत्तरी पड़ोसी है) के बीच क्षेत्रीय विवाद हैं.
जापानी लोगों ने किया मिसाइल परीक्षण का विरोध
वहीं, जापानी लोगों ने देश की सेना द्वारा मिसाइल परीक्षण का विरोध किया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दर्जनों प्रदर्शनकारियों ने एक पड़ोसी सेना शिविर के बाहर इकट्ठे होकर विरोध जताया. उनका कहना था कि मिसाइल परीक्षण केवल एशिया में तनाव को बढ़ाते हैं और इससे जापान के संभावित संघर्षों में शामिल होने का जोखिम बढ़ता है.
आत्मरक्षा की नीति में बदलाव
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से जापान अपने शांतिवादी संविधान के तहत, सिर्फ आत्मरक्षा के लिए बल के उपयोग को सीमित करता था, लेकिन 2022 में उसने इस नीति में एक बड़ा बदलाव किया, जब उसने पांच साल की सुरक्षा रणनीति अपनाई जिसमें चीन को अपनी सबसे बड़ी रणनीतिक चुनौती बताया गया और जापान-अमेरिका के बीच घनिष्ठ गठबंधन का आह्वान किया गया.
क्रूज मिसाइलें तैनात करेगा जापान
जापान वर्तमान में लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलों को अपनी सेना में तैनात करने के लिए काम कर रहा है, जिसमें अमेरिका से खरीदे गए टॉमहॉक्स भी शामिल हैं. जापान सतह से जहाज पर हमला करने वाली टाइप 12 मिसाइलों का भी निर्माण कर रहा है, जिनकी रेंज लगभग 1,000 किलोमीटर (620 मील) है, जो टाइप 88 से 10 गुना अधिक है.
जापान की मित्सुबिशी हेवी इंडस्ट्रीज (Mitsubishi Heavy Industries) द्वारा विकसित ट्रक पर लगे टाइप 88 गाइडेड मिसाइल की मारक क्षमता लगभग 100 किलोमीटर (62 मील) है.
जापान पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में देश के सबसे पूर्वी द्वीप मिनामितोरिशिमा (Minamitorishima) पर मिसाइल-फायरिंग रेंज बनाने की भी तैयारी कर रहा है, जो वीरान क्षेत्रा है और मानव आबादी नहीं है. इन क्षेत्र में इस महीने की शुरुआत में पहली बार दो चीनी विमानवाहक पोतों को एक साथ देखा गया था.